|| श्री अप्सरा स्तोत्र ||
ध्यायेत शांतं प्रशांतं कमलं सुनयनं योगीराजं दयालुम।
देवम मुद्रासनस्थं विमल तनु युतं मंदहास्यं कृपालाम।।
अनूका ,जामी ,मिश्रकेशी ,अलम्बुचा,मरिचि ,शुचिका ,
विद्युत्पुर्णा,तिलोत्तमा ,अद्रिका ,लक्षणा ,रंभा ,मनोरमा ,
असिता ,सुबाहु ,सुप्रिया ,सुभगा,उर्वशी ,चित्रलेखा ,
सुग्रीवा ,सुलोचना ,पुंडरीका ,सुगंधा ,सुरथा ,प्रमाथिनि ,नंदा
शारद्वती,मेनका ,सहजन्या ,पर्णिका ,पुञ्जिकस्थला।।
एता नीमाधुनामानी अप्सरानां च महात्म्यनाम
एतद स्मरणमात्रेण सौंदर्य वानांच भवती
अदृष्य कार्य शक्तिम च लभते
तथा सर्व कार्य सिद्धीम करोती नात्र संशयः।।
Namaste ji
Kripya bataye ki yeh ‘ Shri Apsra Stotra ‘ konse granth se liya he . Kis pustak me iska ullekh he ?