|| श्री स्वामी समर्थांर्चे आदिमाया स्वरूप दर्शन स्तोत्र ||
आदिमाया नमस्तुभ्यं वटवृक्षनिवासिनी।
सर्व रक्षा कुरु देवि कल्याणं कुरु सर्वदा ।१।
प्रज्ञापुरी निवासिनी त्वं सर्वाधारसम्भूता।
वृध्दा स्वधा महादेवी न त्यजेत् कदा मां वृथा ।२।
त्वं माया काली दुर्गाश्च महालक्ष्मीश्च शारदा।
प्रसन्ना भवतु देवी धर्मार्थकाममोक्षदा।३।
शूलपाणीधरादेवी त्वं बध्दपद्मासनस्थिता।
केवलकटाक्षमात्रेण शत्रुं नाशय सर्वथा।४।
नानालंकारभूषिता देवी त्वं रुपसोज्ज्वला।
सौभाग्यवृध्दी कुरु शीघ्रं त्वं खलु अभयप्रदा।५।
ब्रह्मज्ञानप्रदायिनी त्वं स्वामीनि जगन्मोहिनी।
कैवल्यपद देही मां माता जगत्कल्याणकारणा।६।
दासोऽहम् तव मे अम्ब पालय मां तव पुत्रवत्।
न त्यक्त्वा न त्यक्त्वा कदा गच्छ त्वं शरणागत।७।
।।श्री स्वामी समर्थार्पणमस्तु।।